अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनों से मस्क ने जताई नाराजगी, एडवर्ड स्नोडेन ने दिया करारा जवाब

रवांडा में मूसलाधार बारिश से अब तक 49 लोगों की मौत

चीन में बारिश से एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा ढहा, अब तक 48 लोगों की मौत

वॉशिंगटन
अमेरिका में हो रहे फलस्तीन समर्थित विरोध प्रदर्शनों के मुद्दे पर एलन मस्क ने एक ऐसा पोस्ट किया, जिस पर अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने करारा जवाब दिया है। दरअसल मस्क ने सोशल मीडिया पर एक पोल साझा किया, जिसमें अमेरिकी झंडे का अपमान करने वाले को देश से बाहर भेजने पर लोगों की राय मांगी गई थी। इस पर स्नोडेन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी है।

क्या है मामला
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में जारी फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर एलन मस्क ने एक ट्वीट किया। जिसमें मस्क ने लिखा, 'प्रस्तावित कानूनः अगर कोई अमेरिकी झंडे का फाड़ता है और उसकी जगह कोई दूसरा झंडा लगाता है तो उस व्यक्ति को अनिवार्य रूप से उस देश भेज देना चाहिए, जहां का झंडा उसने लगाया है।' मस्क ने इस पोस्ट पर लोगों से हां और नहीं में जवाब भी मांगा था।

मस्क के इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने लिखा कि 'पहली बात अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी है, जिसमें सभी झंडों को फाड़ने और उनके साथ कुछ भी करने की आजादी है और किन्हीं कारणों से इस अधिकार को संविधान में सुरक्षित किया गया है। दूसरी बात तब आप क्या करेंगे, जब वे लोग इस झंडे से अमेरिकी झंडे को बदल दें? इसके साथ ही स्नोडेन ने फास्ट फूड चेन मैक्डोनाल्ड के झंडे की तस्वीर साझा की।'

फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों पर फूटा मस्क का गुस्सा
दरअसल अमेरिका के कई संस्थानों में इन दिनों फलस्तीन के समर्थन में धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके चलते कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया है और कई पर शैक्षिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में परिसर को प्रदर्शनकारी छात्रों से मुक्त कराने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी थी। इसी को लेकर मस्क ने पोल संबंधी पोस्ट किया था। हालांकि मस्क ने एक अन्य ट्वीट में ये भी लिखा कि अन्य देश भेजे जाने वाले अमेरिकी कुछ समय उस देश में बिताने के बाद वापस अमेरिका आ सकते हैं, ताकि उन्हें उस देश की जमीनी हकीकत के बारे में पता चल सके। एडवर्ड स्नोडेन पर साल 2013 में अमेरिका की खुफिया सूचनाएं लीक करने का आरोप लगा था। जिस पर पूरी दुनिया में हंगामा हुआ था। एडवर्ड स्नोडेन गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश भाग गए थे और फिलहाल उनके रूस में मौजूद होने का दावा किया जा रहा है।  

रवांडा में मूसलाधार बारिश से अब तक 49 लोगों की मौत

किगाली
अफ्रीकी देश रवांडा में पिछले दो महीने से जारी मूसलाधार बारिश से अब तक करीब 49 लोगों की मौत हो गयी और 79 अन्य घायल हो गये।
आपातकालीन प्रबंधन के प्रभारी मंत्री अल्बर्ट मुरासिरा ने राष्ट्रीय टेलीविजन को बताया कि यहां मूसलाधार बारिश के साथ ही बिजली गिरने और भूस्खलन जैसी घटनाएं हुई। उन्होंने बताया कि बिजली गिरने से करीब 12 लोगों की मौत हो गयी जबकि अन्य लोगों की मौत जर्जर मकान गिरने से हुयी। सरकार ने देश भर में लगभग पांच हजार निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मूसलाधार बारिश से आयी आपदाओं के कारण घर, पुल, स्कूल भवन, सड़क नेटवर्क और हेक्टेयर वृक्षारोपण सहित बुनियादी ढांचे नष्ट हो गये।
रवांडा मौसम विज्ञान एजेंसी ने मई के पहले 10 दिनों में रवांडा के कई हिस्सों में घनघोर बारिश होने की चेतावनी दी थी।
रवांडा जल संसाधन बोर्ड ने भी मंगलवार को देश में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कुछ नदियों के तट टूट जाने की चेतावनी दी, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ आ जाएगी। इसलिए पहले से ही संभावित खतरे वाले क्षेत्रों को खाली करने की सलाह दी गयी।
गौरतलब है कि पिछले साल मई में पश्चिमी और उत्तरी रवांडा में मूसलाधार बारिश से अचानक आयी बाढ़ तथा भूस्खलन से 135 लोगों की मौत हो गई थी।

 

चीन में बारिश से एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा ढहा, अब तक 48 लोगों की मौत

गुआंगहो
दक्षिण चीन के गुआंग्डोंग प्रांत में एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा टूट जाने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। अधिकारियों ने मेइझोउ शहर में एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। मलबे से निकाले गये अन्य तीन लोगों के डीएनए की पहचान अभी की जानी है।

मीझोउ शहर के अधिकारियों के अनुसार, 30 घायल लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। सभी घायलों की हालत स्थिर बतायी जा रही है। यह हादसा मेइझोउ में मेइझोउ-डाबू एक्सप्रेस-वे पर कल देर रात करीब 2:10 बजे हुआ। अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का 17.9 मीटर लंबा हिस्सा टूट गया। घटनास्थल पर बचाव और खोज अभियान अभी जारी है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक हाईवे ढहने से 20 गाड़ियां नीचे गिर गईं, इनमें 54 से ज्यादा लोग सवार थे। घटना की जानकारी मिलने पर 500 राहत कर्मियों ने बचाव कार्य संभाला। चीन सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक गुआंग्डोंग में शनिवार (27 अप्रैल) को दोपहर में तूफान आया था। इस दौरान यहां 20.6 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार की अधिकतम हवा दर्ज की गई थी। इसके बाद तेज बारिश हुई थी।

 

 

 

Source : Agency