अकसर घर में सूरज के ढलते ही दीपक या लाइट जला दी जाती है। जिससे घर में अंधकार न रहे और रोशनी की जगमगाहट बनी रहे। क्या कभी अपने सोचा है ऐसा क्यों किया जाता है? हिंदू धर्म के अनुसार घर में कभी भी अंधेरा नहीं होना चाहिए।

अकसर घर में सूरज के ढलते ही दीपक या लाइट जला दी जाती है। जिससे घर में अंधकार न रहे और रोशनी की जगमगाहट बनी रहे। क्या कभी अपने सोचा है ऐसा क्यों किया जाता है? हिंदू धर्म के अनुसार घर में कभी भी अंधेरा नहीं होना चाहिए क्योंकि डार्क में बुरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं । सुबह तो सूर्य देव अपना प्रकाश फैलाते हैं, जिस वजह से दीपक या लाइट जलाने की अवश्यकता नहीं होती। शाम को नकारात्मकता घर में प्रवेश न कर सके इसलिए घर को रोशन कर दिया जाता है। बुजुर्गों का तो यहां तक कहना है घर में हमेशा छोटी लाइट या दीपक जला कर रखना चाहिए।

सनातनधर्मी लोगों के घर में सुबह-शाम दीपक जलाया जाता है। बड़े-बुजुर्गों का कहना है की जिस घर में दिए अथवा लाइट से रोशनी रहती है, वहां कभी अंधकार नहीं होता और सुख-समृद्धि अपना बसेरा बना लेती हैं। उस घर के सदस्य जंजाल से उजाले की किरण की ओर सदा बढ़ते रहते हैं। शुभ शक्तियों को जलता दीया चुंबक की भांति अपनी तरफ खींचता है।

दीपक जलाने के न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक लाभ भी हैं। जब घर में शुद्ध घी अथवा सरसों के तेल से ज्योत जलाई जाती है, उस धुएं से घर के माहौल में सात्विकता आती है। आस-पास मौजुद हानिकारक कणों का भी नाश होता है।

तेल से जले दीपक का प्रभाव उसके बढ़ने (बुझने) के आधे घंटे बाद तक वातावरण में बना रहता है। घी का दीपक बढ़ने (बुझने) के लगभग चार घंटे तक अपने चारों ओर का वातावरण सकारात्मकता से युक्त रखता है। दीपक की लौ को पूर्व दिशा में रखें, इससे व्यक्ति दीर्घजीवन जीता है। उत्तर दिशा में दीपक की लौ रखने से धन और प्रसन्नता बढ़ती है।

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